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रानी लक्ष्मी बाई

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रानी लक्ष्मी बाई : सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी, बूढ़े भारत में भी आई फिर से नयी जवानी थी,  गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,  दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी।  चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी,  बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,  खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥  कानपूर के नाना की, मुँहबोली बहन छबीली थी,  लक्ष्मीबाई नाम, पिता की वह संतान अकेली थी,  नाना के सँग पढ़ती थी वह, नाना के सँग खेली थी,  बरछी, ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी। वीर शिवाजी की गाथायें उसको याद ज़बानी थी,  बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,  खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥ विज्ञापन लक्ष्मी थी या दुर्गा थी वह स्वयं वीरता की अवतार,  देख मराठे पुलकित होते उसकी तलवारों के वार,  नकली युद्ध-व्यूह की रचना और खेलना खूब शिकार,  सैन्य घेरना, दुर्ग तोड़ना ये थे उसके प्रिय खिलवाड़।  महाराष्ट्र-कुल-देवी उसकी भी आराध्य भवानी थी,  बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,  खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥  हुई वीरता की वैभव

Honour Our Military

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Honour Our Military : Let's honour our military, The men and women who serve, Whose dedication to our country, Doesn't falter, halt or swerve. Let's respect them for their courage ; They're ready to do what's right To keep India safe, So we can sleep better at night. Let's support and defend our soldiers, Whose hardships are brutal and cruel, Whose discipline we can't imagine Who follow each order and rule. Here's a big salute to those who chose to be warriors, And their helpers good and true ; They're fighting for Indian values ; They're fighting for me and you. On this Republic Day, We remember the years past. We honour this very day, For our flag, old Glory has last. On this Republic Day, 73 years ago, we formed our own constitution which gives justice and liberty to all of us.  Let's celebrate this auspicious day with Joy and Honesty.

Dadi's Glasses

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Dadi’s Glasses : Dadi, on a bright Sunday morning , ordered everybody to clean the house all day. She said, “Oh Dear! The house has become so dirty. I have an idea. Today, we all shall clean our home! This is our today’s mission, and the name of this mission will be Mission Jhadu Pocha!” Dadi  had a bad habit to make us work on SUNDAYS ONLY. This mission made us all puzzled. We all were in revolt of this mission. But, as Dadi was the eldest person in the house, rest of the family members had to agree unwillingly. Dadi made all of us wear a scarf on our head,  as if we were going to the Indian Border for a Secret Mission! She distributed the work areas among all of us. She gave mother  the work to clean the floors. Father was given the task of cleaning  the ceiling fans. Me and my sister were given the huge task  of clearing all the leaves in the garden.  While we were working, I suddenly got a question that where in the world

जन गण मन Piano Notes

सारे गग गग जन गण मन गग ग~ गग रेगम अधि नायक जय हे ग~ गग रे~ रे रे *निरेसा भारत भाग्य विधाता सा~ प~ प प~ प पंजाब सिंध पपप~ प पमधप गुजरात मराठा म~ मम ग~ गग रेमग~~ द्राविड़ उत्कल बंगा ग~ ग गग~ गरे विंध्य हिमाचल गप पम म~ म~ यमुना गंगा ग~ गग रेरे रे रे *निरेसा उच्छल जल धि तरंगा सारे गग ग~ ग रेगम~~ तव शुभ नामे जागे, गम पप प~ मग रेमग~ तव शुभ आशिष मागे, गग रेरे रेरे *निरेसा गाहे तव जय गाथा सासा पप प~ पप जन गण मंगल प~ पप मध प~ दायक जय हे म~ मम ग~ ग गरेमग~~ भारत भाग्य विधाता निनि सा*~ धध नि~ जय हे, जय हे, पप ध~ जय हे, सासा रेरे गग रेग म~~ जय जय जय जय हे

Charuchandra

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चारुचंद्र की चंचल किरणें, खेल रहीं हैं जल थल में, स्वच्छ चाँदनी बिछी हुई है अवनि और अम्बरतल में। पुलक प्रकट करती है धरती, हरित तृणों की नोकों से, मानों झीम रहे हैं तरु भी, मन्द पवन के झोंकों से॥ पंचवटी की छाया में है, सुन्दर पर्ण-कुटीर बना, जिसके सम्मुख स्वच्छ शिला पर, धीर वीर निर्भीकमना, जाग रहा यह कौन धनुर्धर, जब कि भुवन भर सोता है? भोगी कुसुमायुध योगी-सा, बना दृष्टिगत होता है॥ किस व्रत में है व्रती वीर यह, निद्रा का यों त्याग किये, राजभोग्य के योग्य विपिन में, बैठा आज विराग लिये। बना हुआ है प्रहरी जिसका, उस कुटीर में क्या धन है, जिसकी रक्षा में रत इसका, तन है, मन है, जीवन है! मर्त्यलोक-मालिन्य मेटने, स्वामि-संग जो आई है, तीन लोक की लक्ष्मी ने यह, कुटी आज अपनाई है। वीर-वंश की लाज यही है, फिर क्यों वीर न हो प्रहरी, विजन देश है निशा शेष है, निशाचरी माया ठहरी॥ कोई पास न रहने पर भी, जन-मन मौन नहीं रहता; आप आपकी सुनता है वह, आप आपसे है कहता। बीच-बीच मे इधर-उधर निज दृष्टि डालकर मोदमयी, मन ही मन बातें करता है, धीर धनुर्धर नई नई- क्या ही स्वच्छ चाँदनी है यह, है क्या ही निस्तब्ध निशा; है स्वच

Yes!!

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YES!! Yes, I played, Yes, I studied, Yes, I obeyed whatever my mom dad said.   Yes, I was dancing, Yes, I was singing, Yes, I was waiting for glancing at the moon the whole day. And, all of this I did, Yesterday! By : NIYANTA SHRI (7th JASMINE) Chandra Public School, Mau 18th August, 2021  (18/08/2021)

हमारे देश के 3 नाम कैसे पड़े?

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भारत : भारत का नाम पौराणिक राजा भरत  से लिया गया है | इनका साम्राज्य कश्मीर से कन्याकुमारी तक फैला हुआ था | हिंदुस्तान : व्यापार के लिए जब ईरानी भारत आए तब भारत को सिंधु नाम से जाना जाता था | परंतु ईरआनियओं को सिंधु शब्द उच्चारण करने में तकलीफ होती थी | इसलिए वह सिंधु को हिंदु कहने लगे | कुछ ही समय में, हिन्दु को हिन्दुस्तान मे परिवर्तित हो गया और हमारे देश का नाम हिन्दुस्तान पड़ गया | India : सिंधु नदी को इंडस  के नाम से भी जाना जाता हैं | सिंधु घाटी की सभ्यता रोम की सभ्यता की तरह प्रसिद्ध थी और पूरे देश में फैली हुई थी |  इंडस वैली के कारण ही हमारे देश का नाम इंडिया पड़ गया | इंडिया का नाम विश्व स्तर पर अंग्रेज़ शासन के दौरान सबसे अधिक प्रसिद्ध हुआ है जो आज भी प्रसिद्ध है |